तौबा

तौबा

तन मेरा और रग मेरी तुम से भरी हुईं है
तौबा को रखने की मुझ में जगह नहीं है

तो तय है कि तौबा को दिल से निकाल दूं
जन्नत की ज़िन्दगी से भी तौबा कैसे करूं ?

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