
Category: Rumi Poems In Hindi
Rumi Motivational Quotes in Hindi | रूमी के प्रेरणादायक विचार
∗रूमी के प्रेरणादायक विचार∗ RUMI (1207 – 1273) आप समुद्र में एक बूंद नहीं हैं. आप एक बूंद में पूरे महासागर हैं. — रूमी. Rumi is…
मयखाने में
मयखाने में नशे में तुम मस्त और मैं बहका हुआ हूँ साथ कोई नहीं है जो दिखाए राह घर की बार और बार .. कहा…
एक
एक सेंकडो हों किताबें धर्म पर, एक हैं वे सार -संक्षेप में सैंकड़ों धर्मो को ज़रूरत एक पूजा केंद्र की रास्ते सारे जाते एक ही…
प्यार पानी
प्यार पानी ज़िंदगी सारी नहीं कुछ काम की प्यार पानी ज़िंदगी में पियो छक के दिल से और रूह से ! A lifetime without Love…
छोड़ो न
छोड़ो न छोड़ो न मुझे , जाओ छिप दिल में गुप्त चुप से सर चढ़ मंडराओ पगड़ी जैसे आता और जाता मैं मर्ज़ी से अपनी…
बसंती बयार
बसंती बयार चमकता माशूक सूरज के जैसे ; प्यार चक्कर लगाता ग्रहों जैसे जब बहे बयार प्यार की बसंती हर गीली शाख लगती थिरकने The…
दरवेश
दरवेश बोला कि दुनिया में कोई दरवेश नहीं है गर हो कोई दरवेश, तो वो दरवेश ‘नहीं है’
पस्ती
पस्ती खुश रह ग़म से कि ग़म फन्दा है दीदार का पस्ती की तरफ़ तरक़्क़ी, ढंग है इस राह का
मुख़ालिफ़
मुख़ालिफ़ खुदा ने रंज व ग़म इस लिए हैं बनाए ताकि ख़िलाफ़ उसके खुशी नज़र आए मुख़ालफ़त से सारी चीज़ें होती हैं पैदा कोई नहीं…
रहबर
रहबर रहबर का साया खुदा के ज़िक़्र से बेहतर है सैंकड़ों खानों व पकवानों से सबर बेहतर है देखने वाले की आंख सौ लाठियों से…
दिल
दिल कहा पैग़म्बर ने हक़ ने है फ़रमाया न किसी ऊँचे में न नीचे में हूँ समाया अर्श भी नहीं, न ज़मीन व न आसमान…
खुदा
खुदा जो कुछ भी तुम सोचते हो, फ़ना है मानो वो जो तुम्हारी सोच में नहीं, उसे खुदा जानो
जंग और जलाल
जंग और जलाल चूंकि नबियों में वो रसूल रखते थे तलवार उनकी उम्मत में हैं जवांमर्द और जंगवार जंग और जलाल हमारे दीन की निशानी…
रूह के राज़
रूह के राज़ जब देखो कोई अपना खोल दो रूह के राज़ देखो फूल तो गाओ जैसे बुलबुल बाआवाज़ लेकिन जब देखो कोई धोखे व…
एक
एक वो बेमकान, खुदा का नूर जिसके अन्दर है उसको माज़ी, मुस्तक़्बिल व हाल किधर है ? तेरे रिश्ते से है माज़ी और मुस्तक़्बिल वो…
मस्जिद
मस्जिद बेवकूफ़ मस्जिद में जाकर तो झुकते हैं मगर दिल वालों पर वो सितम करते हैं वो बस इमारत है असली हक़ीक़त यहीं है सरवरों…
हू से हवा में
हू से हवा में शकलें बेशकली से बाहर आईं, गई उसी में क्योंकि ‘सच है हम वापस लौटते उसी में’ तू मर रहा हर दम…
रुबाईयां
रुबाईयां 1 वो पल मेरी हस्ती जब बन गया दरया चमक उठ्ठा हर ज़र्रा होके रौशन मेरा बन के शमा जलता हूँ रहे इश्क पर…
पहाड़
पहाड़ पहाड़ की गूंज ख़ुद से आगाह नहीं है पहाड़ की अक़ल को रूह से राह नहीं है बेकान व बेहोश वो बस आवाज़ करता…
बिन मेरे
बिन मेरे इक सफर पर मैं रहा, बिन मेरे उस जगह दिल खुल गया, बिन मेरे वो चाँद जो मुझ से छिप गया पूरा रुख़…
दर्द
दर्द दर्द पुरानी दवा को नया बना देता है दर्द उदासी की हर शाख़ काट देता है दर्द चीज़ों को नया बनाने का कीमिया है…
इश्क़
इश्क़ इश्क़ हरा देता है सब को, मैं हारा हुआ हूं खारे इश्क़ से शक्कर सा मीठा हुआ हूं ऐ तेज़ हवा ! मैं सूखा…
तौबा
तौबा तन मेरा और रग मेरी तुम से भरी हुईं है तौबा को रखने की मुझ में जगह नहीं है तो तय है कि तौबा…
तौबा
तौबा जो उमर गुज़र गई, जड़ उसकी है ये दम सींचो तौबा से उसे, गर रही नहीं है नम उस उमर की जड़ को दो…
बदशकल
बदशकल बदशकल ने खुद को आईने के सामने किया ग़ुस्से से भर गया और चेहरा पलट लिया बदगुमान ने जब किसी का कोई जुर्म देखा…
लतीफ़ा
लतीफ़ा लतीफ़ा एक तालीम है, ग़ौर से उस को सुनो मत बनो उसके मोहरे, ज़ाहिरा में मत बुनो संजीदा नहीं कुछ भी, लतीफ़ेबाज़ के लिए…
नायाब इल्म
नायाब इल्म सोने और रुपये से भर जाय जंगल अगर बिना मर्ज़ी ख़ुदा की ले नहीं सकते कंकर सौ किताबें तुम पढ़ो अगर कहीं रुके…
दुश्वार
दुश्वार हज़रते ईसा से पूछा किसी ने जो था हुशियार इस हस्ती में चीज़ कया है सबसे ज़्यादा दुश्वार बोले ईसा सबसे दुश्वार ग़ुस्सा ख़ुदा…
मुरली का गीत
मुरली का गीत (मसनवी की पहली किताब की शुरुआत इसी मुरली के गीत से होती है) सुनो ये मुरली कैसी करती है शिकायत । हैं…
जादूगर
जादूगर जादूगर तुम अनोखे हो निराले हो । शिकारी, शिकार को बनाने वाले हो ॥ दो देखने की आदत अपनी बहुत पुरानी । जादू चला…
सुने कौन आलाप मेरे
सुने कौन आलाप मेरे पनाह मेरी यार मेरे, शौक की फटकार मेरे, मालिको मौला भी हो, और हो पहरेदार मेरे । नूह तू ही रूह…
गुलाबी गाल तेरे
गुलाबी गाल तेरे गुलाबी गाल तेरे जब देख पाते हैं होके खुशगवार पत्थरों में राह पाते हैं इक बार घूँघट ज़रा फिर से हटा दो…
मूल के मूल में आ
मूल के मूल में आ कब तलक उलटा चलेगा, अब सीधे आ छोड़ कुफ़्र की राह, अब चल दीन की राह इस डंक में देख…
हमारे सुरसाज़
हमारे सुरसाज़ चाहे तोड़ दो हमारे साज़ अय मुल्ला साज़ हमारे पास हजारों और भी हैं इश्क़ के पन्जों में हम गिर गए जो क्या…
मैकदे में आज
मैकदे में आज नशे से बैठे हैं रिन्दो जैसे मैकदे में आज ज़हद न करेंगे और न नमाज़ पढ़ेंगे आज क्या बोलूं क्या महफ़िल क्या…
हंगामे रात के
हंगामे रात के हम आ गए चूँकि हंगामे में रात के ले आये क्या-क्या दरया से रात के रात के परदे में है वो छिपा…
बिन मेरे
बिन मेरे इक सफर पर मैं रहा, बिन मेरे उस जगह दिल खुल गया, बिन मेरे वो चाँद जो मुझ से छिप गया पूरा रुख़…