दिल
दिल
कहा पैग़म्बर ने हक़ ने है फ़रमाया
न किसी ऊँचे में न नीचे में हूँ समाया
अर्श भी नहीं, न ज़मीन व न आसमान
समा सकता है मुझे, प्यारे यकीन जान
मोमिन के दिल में समा जाता हूँ, है अजब
चाहो तो मेरी उन दिलों में से कर लो तलब
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दिल
कहा पैग़म्बर ने हक़ ने है फ़रमाया
न किसी ऊँचे में न नीचे में हूँ समाया
अर्श भी नहीं, न ज़मीन व न आसमान
समा सकता है मुझे, प्यारे यकीन जान
मोमिन के दिल में समा जाता हूँ, है अजब
चाहो तो मेरी उन दिलों में से कर लो तलब